आज इस पोस्ट में हम जानेंगे कि रदरफोर्ड का परमाणु मॉडल क्या होता है और रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल का निष्कर्ष क्या है और इसकी कमियां कौन-कौन सी है तथा radarford ka parmanu model in hindi में संपूर्ण जानकारी प्राप्त करेंगे।
रदरफोर्ड का परमाणु मॉडल क्या है?
अर्नेस्ट रदरफोर्ड और उनके कुछ शिष्यों ने मिलकर सन् 1911 में परमाणु की संरचना के बारे में जानने के लिए एक प्रयोग किया था इस प्रयोग में उन्होंने सोने की बहुत ही पतली झिल्ली (Gold foil) का उपयोगी किया था जिसकी मोटाई 10⁻⁷ मीटर या 100 nm थी।
इस पर रदरफोर्ड द्वारा रेडियो एक्टिव स्त्रोत से उत्पन्न तेज गति के उच्च ऊर्जा वाले α-कणों की बमबारी की गई। और सोने की पतली झिल्ली के चारों तरफ जिंक सल्फाइड से लेपिक वृत्ताकार पर्दा रखा गया जिससे कि उच्च ऊर्जा वाले α-कणों की बमबारी के बाद α-कण इस वृत्ताकार पर्दे से टकराकर फ्लैश(स्फूरदिप्ती) उत्पन्न करता है इस प्रकार α-कण की दिशा ज्ञात हो जाती है।
रदरफोर्ड के इस प्रयोग से प्राप्त प्रेक्षण
- रदरफोर्ड ने यह देखा कि अधिकांश α-कण सोने की झिल्ली से बिना विक्षेपित सीधे ही निकल जाते हैं।
- बहुत ही कम α-कण कुछ अंश कोण से विक्षेपित हो जाते हैं
- रदरफोर्ड ने यह पाया कि 20000 α-कणों में से एक α-कण का विक्षेपण 180० के कोण पर होता है
रदरफोर्ड के इस प्रयोग से प्राप्त प्रेक्षण अत्यंत अनपेक्षित थे। और स्वयं रदरफोर्ड ने यह कहा कि यह परिणाम उतना ही अविश्वसनीय था जैसे कि अगर आप एक 14 इंच के तोप के गोले को टिशू पेपर पर मारें और वह फिर से लौट कर आपको चोट पहुंचाए। रदरफोर्ड ने इन सभी प्रेक्षणों के आधार पर निम्न निष्कर्ष निकाले।
रदरफोर्ड परमाणु मॉडल के निष्कर्ष क्या हैं?
- रदरफोर्ड ने यह पाया कि अधिकांश α-कण सोने की झिल्ली से विक्षेपित हुए बिना सीधे चले जाते हैं इससे यह निष्कर्ष निकलता है कि परमाणु का ज्यादातर भाग अंदर से खोखला और आवेशहीन होता है
- कुछ α-कण अपने मार्ग से बहुत ही छोटे कोण से विक्षेपित हो जाते हैं और α-कण धनावेशित होता है इसीलिए यह किसी धनावेशित वस्तु द्वारा प्रबल प्रतिकर्षण बल लगाता है इससे यह समझ में आता है कि समस्त धनावेश परमाणु के अंदर एक जगह पर केंद्रित होता है।
- कुछ α-कण अपने मार्ग से 180० के कोण से विक्षेपित होकर वापस लौट जाते हैं। इससे यह पता चलता है कि परमाणु में धनावेश का आयतन उसके कुल आयतन की तुलना में बहुत कम होता है तो हम इस अति सुक्ष्म धनावेशित आयतन के स्थान को नाभिक कहते हैं
उपरोक्त निष्कर्षों के आधार पर रदरफोर्ड नए परमाणु का निम्न मॉडल प्रस्तुत किया था।
रदरफोर्ड का परमाणु मॉडल (radarford ka parmanu model in hindi)
- परमाणु का संपूर्ण धनावेश तथा द्रव्यमान एक अति सुक्ष्म स्थान नाभिक पर केंद्रित होता है
- परमाणु का अधिकांश भाग खाली होता है और जिसमें चारों ओर इलेक्ट्रॉन वृत्ताकार पथों में तेज गति से घूमते हैं और इन अलग-अलग वृत्ताकार पथों को कक्षा (Orbit) कहते हैं।
- परमाणु विद्युत उदासीन होता है इससे यह पता चलता है कि निश्चित रूप से परमाणु में जितने इलेक्ट्रॉन होते हैं उतनी ही संख्या में नाभिक में प्रोटोन उपस्थित होते हैं।
रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल को सौर मॉडल भी कहते हैं इस मॉडल के अनुसार इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों तरफ भिन्न-भिन्न कक्षाओं में इस प्रकार घूमते हैं जैसे कि विभिन्न ग्रह सूर्य के चारों तरफ विभिन्न कक्षाओं में घूमते हैं और इस प्रकार यह परमाणु मॉडल परमाणु संरचना की व्याख्या करने का मूलभूत आधार बना परंतु यह मॉडल कुछ तथ्यों को समझा नहीं पाया।
रदरफोर्ड का परमाणु मॉडल की कमियां
- रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल में परमाणु के स्थायित्व की व्याख्या नहीं की गई थी।
- रदरफोर्ड का परमाणु मॉडल परमाणु की इलेक्ट्रॉन संरचना को स्पष्ट नहीं कर पाया था क्योंकि मैक्सवेल के सिद्धांत के अनुसार वृत्ताकार घूमता हुआ इलेक्ट्रॉन विकिरण उत्सर्जित करेगा। जिससे उसकी ऊर्जा में कमी आती जाएंगी। इस प्रकार इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों ओर सर्पिलाकार गति करता हुआ अंत में नाभिक में गिर जाएगा परंतु वास्तव में ऐसा नहीं होता है
- यह परमाणु के स्पेक्ट्रम तथा एक कक्षा में उपस्थित इलेक्ट्रॉन की संख्या एवं व्यवस्था को स्पष्ट नहीं करता है।
- रदरफोर्ड के द्वारा α-कणों के प्रकरण प्रयोग में उपस्थित इलेक्ट्रॉन तथा प्रोटोन की संख्या के बारे में किसी भी प्रकार की जानकारी प्राप्त नहीं होती है और यह परमाणु संरचना के बारे में कुछ भी स्पष्ट नहीं करता है
nabhik or parmanu ka aakar kitna hota hai
परमाणु किसी भी पदार्थ की सबसे से छोटी इकाई होती है और परमाणु का आकार लगभग 10⁻¹⁰ मीटर होता है परमाणु के अंदर अति सुक्ष्म धनावेशित आयतन को नाभिक कहते हैं और इस नाभिक का आकार लगभग 10⁻¹⁵ मीटर होता है
मुझे आशा है कि आप जान गए होंगे कि radarford ka parmanu model kya hota hai और इसकी कौन-कौन सी कमियां है यदि आपका इस विषय से संबंधित कोई सवाल है तो आप मुझे कमेंट करके जरूर बताएं।
FAQ – रदरफोर्ड परमाणु मॉडल सम्बंधित
रदरफोर्ड प्रयोग में किन कणों का उपयोग किया जाता है?
अर्नेस्ट रदरफोर्ड ने अपने प्रयोग में परमाणु की नाभिक का पता लगाने के लिए अल्फा कणों का उपयोग किया था और इन अल्फा कणों की बौछार एक पतले से स्वर्णपत्र पर की थी।
रदरफोर्ड ने नाभिक की खोज कब की?
रदरफोर्ड ने नाभिक की खोज सन् 1911 में की थी उसे समय अर्नेस्ट रदरफोर्ड और उनके शिष्यों ने स्वर्ण पत्र प्रयोग किया था जिससे यह पता चला कि परमाणु के केंद्र में नाभिक उपस्थित होता है।
यह भी पढ़ें:-
pH मान क्या होता है और दैनिक जीवन में pH का महत्व क्या है?
लेंस कितने प्रकार के होते हैं और लेंस का कार्य व बनावट?